समाज के दर्पण में झाँकती लघुकथाएँ
लघुकथा जैसी प्रभावशाली विधा से मेरी पहचान बाल्यकाल से ही हो गई थी | वास्तव में पिता की गोद में बैठ कर सोने से पहले प्रतिदिन एक नई कथा सुनना बचपन का सब से सुखद पल होता था| ज्ञानी पिता पुरातन जातक कथाएँ,...
View Articleहृदयस्पर्शी लघुकथाएँ
कुछ वर्षों पूर्व मैंने अपने महाविद्यालय के पुस्तकालय में एक पुस्तक ‘The Laghukatha’ देखी, तो अंग्रेजी में हिन्दी नामकरण देखकर मैं आकर्षित हुई । उसे उलटने-पलटने पर बात समझ में आयी कि वस्तुतः यह इरा...
View Articleदीर्घजीवी लघुकथाएँ
ग़ज़ल के बाद लघुकथा मेरी प्रिय विधा हैI मैं इस विधा का बहुत पुराना विद्यार्थी हूँI स्व० सतवंत कैंथ द्वारा लिखित पंजाबी भाषा का सर्वप्रथम एकल लघुकथा संग्रह ‘बर्फी दा टुकड़ा” वर्ष 1972 में प्रकाशित हुआ...
View Articleकथ्य, शिल्प व शैली के आधार पर विशिष्ट
लघुकथा के बीज हिन्दी कहानी के प्रारंभ के साथ ही मिलते हैं, लेकिन इसकी लोकप्रियता हाल ही में कुछ दशक पूर्व ही बढ़ी है। भारतेन्दु हरिश्चंद्र, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद इत्यादि लेखकों के कथा-साहित्य...
View Articleमानवीय संवेदनाओं की लघुकथाएँ-लवलेश दत्त
वर्तमान हिन्दी कथासाहित्य में लघुकथा एक अत्यन्त लोकप्रिय विधा है। अपनी लोकप्रियता, कथ्य और शिल्प के कारण इस विधा ने अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। लघुकथा की विशिष्टता का कारण इसका लघ्वाकार होना है। आज के...
View Articleमेरी पसन्द
लघुकथा अपने समय की संवेदना को सबसे सरल और सशक्त रूप में पाठक के सम्मुख प्रस्तुत करने वाली गद्य विधा है। वह न केवल युगीन यथार्थ की ओर प्रभावी संकेत करती है;बल्कि एक सार्थक प्रतिरोध की भूमिका भी तैयार...
View Articleविधा की अद्भुत अभिव्यक्ति
आज के बदलते सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश में एक जेन्यून रचनाकार की सबसे बड़ी जिम्मेवारी है मानवीय संवेदना को क्षरित होने स ेबचाए रखना। आधुनिक हिंदी साहित्य की विकास यात्रा में विगत पच्चीस-तीस वर्षों से...
View Articleमेरी पसन्द
आज जब अधिकतर लोगों में पठन-पाठन की रुचि का अभाव होता जा रहा है, तब ऐसे में लघुकथाएँ बहुत बड़ी भूमिका निभा रही हैं । आकार में छोटी होने के कारण इन्हें पाठक एक ही बैठक में सहजता से पढ़ ले जाता है और...
View Articleमेरी पसंद
आज लघुकथा हिन्दी की सशक्त गद्य विधाओं में सम्मिलित हो चुकी है । आकार में वामन रूप होने के बावजूद लघुकथा अपने तीन पगों अर्थात् भाषा, शिल्प और अभिव्यंजना में अखिल ब्रह्माण्ड को नापने की सामर्थ्य रखती है...
View Articleहृदय में बस जाएँ –लघुकथाएँ
आकार में नन्ही प्रतीत होने वाली किसी भी वस्तु की संरचना उतनी ही जटिल होती है, जितनी वह लघुकाय दिखाई देती है और उसका सर्जन भी उतना ही कठिन होता है । आकार में छोटी दिखने वाली हीरे की अँगूठी को गढ़ने में...
View Articleलघुकथा विधा का स्वर्णिम युग
समकालीन साहित्य जगत् लघुकथा विधा के लिए स्वर्णिम युग माना जाएगा। लघुकथाओं पर जाने कितने शोध किए जा रहे, लघुकथा की एकल और सम्पादित पुस्तकों का प्रकाशन उत्तरोत्तर वृद्धि की ओर है। विश्व स्तर पर हिन्दी...
View Articleसर्वप्रिय विधा
एक समय ऐसा भी था जब अकेली कविता ही साहित्य की सबसे लोकप्रिय विधा होती थी। आज के इलैक्ट्रॉनिक युग में कविता का यह गौरवशाली पद गज़ल ने हथिया लिया है। परन्तु पिछले कुछ समय से साहित्यिक...
View Articleमेरी पसंद की लघुकथाएँ
आज की भागदौड़ भरी ज़िदगी के चलते कम लोग ही उपन्यास अथवा लम्बी कहानियाँ पढ़ पाते हैं। ऐसे लोगों को साहित्य से जोड़े रखने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम हैं-लघुकथाएँ। साहित्य की इस महत्त्वपूर्ण विधा में बहुत कम...
View Articleमन को लुभाती लघुकथाएँ
वास्तविकता के धरातल पर यथा सम्भव कम से कम शब्दों से कथ्य को साधती हुई विधा है लघुकथा।जैसे जापानी विधा हाइकु बड़ी -बड़ी कविताओं की भाँति सारगर्भित होती है, वैसे ही लघुकथा भी अपने लघु कलेवर में अचूक...
View Articleरचना ही रचनाकार की पहचान
लगभग तीन दशकों से इस विधा से मेरा गहरा जुड़ाव रहा है । इस अंतराल में सृजन और अध्ययन के क्रम में अपने पूर्ववर्तियों , समकालीनों( अशोक भाटिया , बलराम अग्रवाल , सुकेश साहनी , रामेश्वर काम्बोज , जगदीश...
View Articleसर्वाधिक लोकप्रिय विधा
लघुकथा अपने आकार और कथ्य वैशिष्ट्य के कारण आज साहित्य की सर्वाधिक लोकप्रिय विधाओं में से एक है। आधुनिक जीवनशैली की प्रतिबद्धताओं से साम्य के कारण लघुकथा ने जहाँ आम आदमी, विशेषकर युवाओं में...
View Articleलघुकथा का स्वरूप
वर्तमान समय में आम नागरिक को जीवनयापन के लिए भारी जद्दोजहद का सामना करना पड़ रहा है। नाटक और भारी भरकम उपन्यासों से नहीं जुड़ पाने के कारणों में यह एक महत्वपूर्ण कारण है। कहानी एक ऐसी विधा है जो डेढ़...
View Articleप्रिय विधा
एक समय ऐसा भी था जब अकेली कविता ही साहित्य की सबसे लोकप्रिय विधा होती थी। आज के इलैक्ट्रॉनिक युग में कविता का यह गौरवशाली पद गज़ल ने हथिया लिया है। परन्तु पिछले कुछ समय से साहित्यिक...
View Articleपसंदीदा लघुकथाएँ
स्वाध्याय का अभ्यास अथवा व्यसन तो मुझे तबसे रहा है, जब मैने पूरा वाक्य पढ़ना सीख लियाथा , परन्तु लेखन का श्रीगणेश मेरी किशोरावस्था में उपन्यास से हुआ। प्रारंभ में तीन उपन्यास लिखे,तदुपरांत...
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