लघुकथाएँ वर्तमान समय की माँग हैं
क्या लघुकथाएँ साहित्य का भ्रम हैं? अगर हाँ तो पाठकों और लेखकों को इस भ्रम में उलझना चाहिए! लघुकथाएँ वर्तमान समय की माँग हैं और जरूरत भी। हालाँकि, साहित्य सृजन के हर युग में इस विधा की सार्थकता रही है।...
View Articleलघुकथाओं का गहरा प्रभाव
लघुकथा लेखन गद्य साहित्य की सबसे रोचक विधा है। यह विधा अपने एकाकी स्वरूप में किसी भी एक विषय, एक घटना या एक क्षण पर आधारित होती है, जो अपने सीमित दायरे में स्वतः पूर्ण एवं प्रभावशाली होती है। लघुकथा...
View Articleलघुकथा विधा की आकारगत विशेषता और मारक शक्ति
कथा- जगत् की लघुकथा विधा अपनी आकारगत विशेषता और मारक शक्ति के कारण पाठकों के ज्यादा नजदीक है, जिसमें जीवन की विषमताएँ, व्यंग्य का कटीला पैनापन और जीवन की विसंगतियां समाहित होती हैं। कम शब्दों में...
View Articleउत्कृष्ट लघुकथाएँ
अपनी पसंद की लघुकथाओं के बारे में जब सोचता हूँ, तो कई लघुकथाएँ याद आ जाती हैं; लेकिन जब ‘मेरी पसंद’ स्तम्भ के लिए लिखने बैठा हूँ, तो अनेक लघुकथाओं में से दो लघुकथाएँ सामने आ खड़ी हुई हैं-सबसे पहले...
View Articleसंघनित कथा ही ‘लघुकथा’
शब्द के अर्थ होते हैं। शब्द से अर्थ भी निकलते हैं। लघुकथा वह कथा है जिसका स्वरूप लघु होता है। एक बिंदु पर लिखी गई कंडेन्स्ड (संघनित) कथा ही ‘लघुकथा’ होगी। शिल्प तो होगा- पर न्यूनतम सटीक शब्दों,...
View Articleलघुकथा कभी फ़ैसला नहीं सुनाती
लघुकथा कभी फ़ैसला नहीं सुनाती और ना ही न्यायोचित सुनवाई करवाती है; बल्कि वह तो किसी उनींदे पुलिसवाले द्वारा लिखी fIR-सी प्रतीत होती है। मैंने कहीं पढ़ा था कि लघुकथा अधखुली कली के मानिंद होती है; लेकिन...
View Articleसहज लघुकथाएँ
अंजू निगम बुलावा मेरी पसन्द की प्रथम लघुकथा है। सामाजिक विरोधाभास दर्शाती लघुकथा है यह। एक किन्नर, जो संभवतः ऐसे समाज से ताल्लुक रखती है जो सभ्य समाज में अवांछनीय है। इसी सभ्य समाज के घरों में होने...
View Articleभविष्य तो लघुकथा का ही है
लघुकथा लिखना, अर्थात सागर में सागर भरना, कम शब्दों से में बहुत कुछ कह जाना। अधिकतर लघुकथा अपने गर्भ में एक कहानी, या एक उपन्यास तक समेटे रहती हैं। लघुकथा विधा का जन्म हए कोई बहुत ज्यादा समय तो...
View Articleअभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है लघुकथाएँ
लघुकथा आज के समय की सबसे लोकप्रिय विधा है। लघुकथा समाज में फैली विसंगतियों, संवेदनाओं से पाठकों को रूबरू करवाती है। आज पाठक लघुकथा केवल इसलिए नहीं पढ़ते हैं कि वह आकार में छोटी होती है, वरन इसलिए भी...
View Articleमेरी पसन्द
मुनाफ़ाखोरी और पूँजीवादी व्यवस्था पर तीखा कटाक्ष करती असगर वजाहत की ‘चार हाथ’ मेरी पसंदीदा लघुकथा है। मुनाफ़ाखोरी के चक्कर में मिल मालिक के दिमाग़ में दिन-रात यही घूमता रहता है कि किस प्रकार काम...
View Articleमेरी पसन्द
मेरे द्वारा अब तक पढ़ी गई अनेक लघुकथाओं में से वैसे तो अनेक ने प्रभावित किया; परन्तु लघुकथा डाट. काम के स्तम्भ “मेरी पसंद” के लिए हमेशा से एक खिंचाव के चलते , ऐसी दो लघुकथाएँ अपनी...
View Articleलघुकथा का व्यापक संदेश
लघुकथा एक लोकप्रिय विधा है। इसकी लोकप्रियता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि किसी भी साहित्यिक पत्रिका का अंक हाथ में आते ही सर्वप्रथम लघुकथा ही पढ़ी जाती है, भले ही पन्नों पर इसे सबसे कम महत्त्व...
View Articleनैतिक मूल्यों को बचाए रखने की अपील करती लघुकथाएँ
वर्तमान में साहित्य की सर्वाधिक लोकप्रिय एवं सशक्त विधा के रूप में स्थापित हो चुकी है लघुकथा। अज्ञेय कहते है- “लघुकथा एक कोमल एवं एकांगी विधा है जिसमें संयमता, सूक्ष्मता, सहजता और संक्षिप्तता का...
View Articleकुप्रथाओं का प्रतिकार करतीं लघुकथाएँ
लघुकथा लेखन/संपादन के वर्तमान दौर में बहुत- सी सशक्त लघुकथाओं से गुजरा हूँ, उनमे से भी कुछ मेरी पसंद के रूप में प्रस्तुत की जा सकती हैं,पर देश के वर्तमान राजनैतिक और सामाजिक परिदृश्य को देखते हुए...
View Articleविधा के विकास में सहायक
हिन्दी गद्य साहित्य की बात करूँ तो इसमें ‘लघुकथा’ मेरी प्रिय विधा है। वर्तमान में लघुकथा अधिक लोकप्रिय विधा बन गई है। लघुकथाओं पर अनेक कार्यक्रम ऑनलाइन-ऑफलाइन होने लगे हैं, अधिवेशन हो रहे हैं, इस पर...
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