सारगर्भित लघुकथाएँ
लघुकथाओं से मेरा परिचय कब हुआ, ठीक-ठीक बता नहीं सकती । जब बहुत छोटी थी, तब एक बार माँ ने एक चित्र कथा से परिचय करवाया था । हिन्दी- व्याकरण पुस्तक के अंतिम पृष्ठ पर पिता- पुत्र और टट्टू के चित्र बने...
View Articleहृदयस्पर्शी लघुकथाएँ
कुछ वर्षों पूर्व मैंने अपने महाविद्यालय के पुस्तकालय में एक पुस्तक ‘The Laghukatha’ देखी, तो अंग्रेजी में हिन्दी नामकरण देखकर मैं आकर्षित हुई । उसे उलटने-पलटने पर बात समझ में आयी कि वस्तुतः यह इरा...
View Articleभावनाओं, वैज्ञानिकता, संदेशों और व्यंग्य से परिपूर्ण लघुकथाएँ
जो मुकम्मल हो जाए वही प्यार है, नहीं तो सब कोशिशें भर हैं। ऐसा ही कुछ कहा जा सकता है लघुकथा के बारे में। मैंने जब पहली लघुकथा लिखी और जो उस समय नवभारत टाइम्स में प्रकाशित हुई थी, तब मुझे पता भी नहीं...
View Articleजीते-जागते पात्र
लेखन की सभी विधाओं में शायद लघुकथा- लेखन जितनी कठिन विधा है, उतना ही कठिन है लघुकथाओं पर लिखना। मेरे जैसे अनभ्यस्त लघुकथा के विद्यार्थी के लिए तो ये और भी मुश्किल है क्योंकि उसकी पूरी समझ लाना अभी...
View Articleकठिन साधना का प्रतिफलन है लघुकथा
वर्त्तमान में लघुकथा एक सशक्त एवं स्वतंत्र गद्य- विधा के रूप में हिन्दी साहित्य में अपनी जगह बना चुकी है। उपन्यास और कहानी की तरह लघुकथा का भी बीज रूप ‘कथा’ ही है; परन्तु क्षणानुभूति की कथात्मक...
View Articleलघुकथा:परिपक्व विधा
हिंदी गद्य साहित्य की एक सशक्त और स्वतंत्र विधा लघुकथा के नाम से इंगित है ‘लघु आकार की कथा।’ कथा के कुल की यह सबसे छोटी परंतु एक अहम इकाई है, जिसका मूल कथा -तत्त्व ही है और जिसका अपना एक अलग अस्तित्व...
View Articleमेरी पसन्द
‘ मेरी पसंद ‘ में मैंने जानबूझकर दो ‘ लघुकथाकारों ‘ को लिया, ‘ लघुकथाओं ‘ को नहीं। युगल और सुकेश साहनी समूचे लघुकथा साहित्य के सर्वाधिक दो बड़े नाम हैं , जो सिर्फ़ लघुकथा नहीं,उसकी विशिष्टता रचते हैं।...
View Articleवांछित प्रभाव छोड़ती है लघुकथा
इतिहास के झरोखे से देखें तो लघुकथा प्राचीन विधा है। इसका अपना स्वतंत्र अस्तित्व है। लघुकथा सीधे अपने कथानक की प्रकृति के अनुसार सटीक भाषा शैली से अपने अंत पर पहुँच कर वांछित प्रभाव छोड़ती है। लघुकथा...
View Articleपरिस्थितियों में सकारात्मकता की तलाश/
सफल मनुष्य उसे ही कहा जाता है जो विषम परिस्थितियों में अपने को अनुकूल बना लेता है। यह बहुत दुष्कर कार्य है। हर किसी के बलबूते की बात नहीं। लेकिन प्रयास से सबकुछ संभव हो सकता है। आदमी को उस प्रयास की...
View Articleसमय के साथ जुड़ती लघुकथाएँ
हिन्दी–लघुकथा समय के साथ–साथ विकास के नए–नए पड़ाव तय करते हुए साहित्यिक गरिमा के साथ आगे बढ़ती जा रही है । निश्चित रूप से इन विकास की राहों पर अनेक कथाकार आते गए, अपनी समर्थ एवं समृद्ध लघुकथाओं से...
View Articleलघुकथाओं का स्वर्णिम युग
वर्तमान समय लघुकथाओं का स्वर्णिम युग है, जिसमें लघुकथा पाठकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, वहीं नए रचनाकारों का इस क्षेत्र में पदार्पण हो रहा है। लघुकथाएँ अंधविश्वास एवं कुप्रथाओं पर करारी...
View Articleलघुकथा- दीर्घगामी प्रभाव- संवेदना से सम्पृक्त
लघुकथा आज अपने विकास के दौर में है, तब यह अवश्य हमारे ध्यान में रहे कि इस संश्लिष्ट गद्यकथा में अनेक प्रयोग होने की प्रबल संभावना है। भूमंडलीकरण के दौर में अंतरजाल की व्यापकता ने विषयों का...
View Articleमर्मस्पर्शी लघुकथाएँ
साहित्य में एक किवंदंती-सी बन गई है कि जिस विधा का इतिहास जितना प्राचीन होगा, वह वर्तमान में अपने को उतना ही श्रेष्ठ मनवाने का गौरव पा सकेगी। आज हम लघुकथा के जिस साहित्यिक रूप से परिचित हैं, उसे भी हम...
View Articleमेरी पसन्द की लघुकथाएँ
गद्य साहित्य की सशक्त विधाओं में लघुकथा का अपना विशिष्ट स्थान है। पाठकों की वरीयता का आंकलन किया जाए तो वर्तमान में ‘लघुकथा’ साहित्य की मुख्यधारा में दस्तक देती प्रतीत होती है, अलग-अलग भाषाओं में...
View Articleसंदेशप्रद लघुकथाएँ
अब तक की पढ़ी हुई लघुकथाओं में से अपनी पसंद की किन्हीं दो लघुकथाओं का चयन अत्यंत दुष्कर है। मैं संदेशप्रद लघुकथाएँ पढ़ना ही पसंद करती हूँ। श्रीमती कान्ता राय की समसामयिक लघुकथा ‘साख बच गई’ इस मानक पर...
View Articleअंतर्मन तक उतरती लघुकथाएँ
हिंदी साहित्य में लघुकथा विधा मेरी पसंदीदा विधा है मैं जीवन – यथार्थ से जुड़ी विसंगतियों को इंगित करती रचनाओं को अधिकतर पसंद करता हूं। जीवन तथा समाज के यथार्थ का पोस्टमार्टम करती रचनाएँ अपने दिल के...
View Articleसमय के सवालों से मुठभेड़ करती लघुकथाएँ
बहुत सी लघुकथाएँ हमें कई कारणों से अच्छी लगती हैं। कुछ हमारी संवेदनाओं को जागृत करती हैं तो कुछ विचार के स्तर पर उद्वेलित करने का काम करती हैं। हमारे आसपास की सामान्य घटनाओं या प्रसंगों में से दृश्यों...
View Articleलघुकथा आज अधिक लोकप्रिय विधा
साहित्य में लघुकथा का स्थान हमेशा से महत्त्वपूर्ण रहा है। कम शब्दों में किसी बड़ी बात को कह देना एक कला है, जो एक सफल लघुकथाकार बखूबी अपनी कथा में कहता है। पिछले 15-16 वर्षों से मैं वेब पत्रिका...
View Articleदो लघुकथाएँ
मेरी पसंद : महावीर राजी यह सुखद बात है कि लघुकथा को साहित्य की एक स्वतंत्र विधा के रूप में क्रमशः मान्यता मिल रही है। हालाँकि इस स्वीकृति’ (recognition) की गति अपेक्षा के अनुरूप उत्साहवर्धक नहीं है।...
View Articleसमाज को आईना दिखातीं लघुकथाएँ
डॉ. सुरंगमा यादव लघुकथा अपने लघु कलेवर तथा सशक्त भाषा शैली द्वारा गंभीर चिंतन की जन्मदात्री बनती है। लघुकथा में विचार सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होता है। उसका उद्देश्य विसंगतियों और विडंबनाओं को प्रभावशाली...
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